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वाराही धाम में बनेगा उत्तर भारत का ऐसा मंदिर जो अपनी दिव्यता के कारण : श्रद्धालुओं में बनाएगा अपनी विशिष्ट पहचान-हीरा बल्लभ

Abid Hussain

Fri, Sep 26, 2025

श्री वाराही शक्तिपीठ ट्रस्ट की पहली बैठक में मंदिर कमेटी को भंग कर उसे किया गया ट्रस्ट में विलीन।

मंदिर निर्माण में किया जाएगा हर घर की आस्था और श्रद्धासुमन का समावेश।

देवीधुरा: वाराही धाम में ऐसा दिव्य व भव्य मंदिर बनने जा रहा है जो अपनी दिव्यता एवं अपनी आध्यात्म चमक के कारण उत्तर भातर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। मंदिर निर्माण के लिए दानवीरों के हाथ लगातार आगे बढ़ रहे हैं। किंतु इसमें कुमाऊं के प्रत्येक परिवार के श्रद्धासुमन का समावेश किया जाएगा। नागर, कत्यूर एवं उत्तराखंड की वास्तु कला पर आधारित यह मंदिर पूरी तरह स्थानीय पत्थरों से बनाया जाएगा। जिसमें करीब 1200 ट्रैक पत्थर लगने का अनुमान किया गया है। मन्दिर को ऐसा रूप व स्वरूप दिया जाएगा जिसमें भगवान सूर्य अपनी पहली किरण से मां वाराही का अभिषेक करेंगे। मंदिर के गर्भगृह की ऊंचाई 81 फीट होगी यह बात ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं रेलवे फ्रेट कॉरिडोर के पूर्व निदेशक हीरा बल्लभ जोशी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक में मंदिर कमेटी को भंग कर उसे ट्रस्ट में विलीन किया गया। प्रस्तावित मंदिर को भव्यता देने के लिए डोल आश्रम के संस्थापक बाबा कल्याण दास जी के प्रति सभी ने कृतज्ञता का भाव प्रकट किया। मंदिर के संस्थापक अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह लमगड़िया ने कहा कि मां वाराही की कृपा का ही प्रतिफल है कि हम सब एक बहुत बड़े धार्मिक कार्य के साक्षी बनने जा रहे हैं। उन्होंने मंदिर के ट्रस्ट निर्माण एवं मंदिर को स्वरूप देने में ट्रस्ट के अध्यक्ष हीरा बल्लभ के प्रयासों को सराहना की। वहीं सभी वक्ताओं ने कहा कि मां वाराही के अनन्य उपासक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरगामी सोचा का ही प्रतिफल है इस मंदिर निर्माण के लिए सभी कार्य सरलता से हो रहे हैं।

मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं कोषाध्यक्ष दिनेश जोशी ने कहा कि यह मंदिर कितनी दिव्य व भव्य बनेगा इसकी परिकल्पना तो स्वयं मां वाराही कर रही हैं, हम सब तो निमित्त मात्र हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर के पूरे परिसर में बगैर अनुमति के कोई नए कार्य नहीं हो सकेंगे। लगभग नौ घंटे चली इस बैठा में मंदिर के संयोजक चेतन भैया, विनोद गडकोटि, पूर्व अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, प्रमुख समाज सेवक नंदू पाण्डेय, भीम सिंग लमगड़िया, रौशन लमगड़िया, राजेश बिष्ट, मदन बोहरा, हयात सिंह बिष्ट, बिशन चम्याल, चंदन बिष्ट, विक्रम सिंह आदि प्रमुख लोगों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस संदर्भ में चार खाम सात थोक के प्रमुखों व पड़तीदार गांव के लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए पहले ही अपनी सहमति पर मुहर लगा दी थी।

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