लोहाघाट में सरकारी भूमि हथियाने व बहुमूल्य प्रजाति के देवदार वृक्षों : को सुखाने वालों की अब खैर नहीं।

■■ जिलाधिकारी ने इन घटनाक्रमों को लिया बेहद गंभीरता से, नगर का स्वयं करेंगे दौरा।
चंपावत। नगर को प्रकृति द्वारा विरासत में दिए गए दुर्लभ प्रजाति के देवदार वृक्षों को नया जीवन मिलने के साथ नगर में सरकारी भूमि को हथियाने वालों की अब खैर नहीं होगी। इसी के साथ इस नगर को "नीट, क्लीन एंड ग्रीन" बनाने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। जिससे जिले के प्रमुख पर्यटक स्थलों के महत्वपूर्ण बेस कैंप इस नगर को आकर्षक रूप देने के साथ इसे नया रूप व स्वरूप देने के द्वार खुल जाएंगे। लोहाघाट नगर में सरकारी भूमि में अतिक्रमण एवं देवदार के हरे पेड़ों को सुखाने संबंधी मीडिया रिपोर्टों को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से लिया है तथा इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए आगे कदम बढ़ाए है।जिलाधिकारी ने इस बात पर हैरानी एवं रोष प्रकट किया है कि आज जबकि बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण सघन वृक्षारोपण एवं पेड़ों के संरक्षण की आवश्यकता है। लोहाघाट में देवदार के पेड़ों की हरियाली को समाप्त करने एवं सरकारी भूमि को हड़पने की स्थिति क्यों और कैसे पैदा हुई ?इसके लिए जिम्मेदार कौन है ?इसकी जांच कराई जाएगी तथा देवदार बनी के अंतर्गत हुए अतिक्रमणों को सख्ती से हटाया जाएगा।
जिलाधिकारी के अनुसार नगर के किस वार्ड, मोहल्ले एवं खेत नंबर में देवदार के हरे पेड़ खड़े हैं, उसकी नंबरिंग कर उनकी बाकायदा पूरा डाटा तैयार किया जाएगा। चाहे पेड़ निजी भूमि में ही क्यों नहीं हो प्रत्येक पेड़ में नंबरिंग होगी तथा जिन घरों के आसपास पेड़ों को सुखाने का प्रयास किया गया है उन लोगों के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी साथ ही जिन भवन स्वामियों के आसपास देवदार के पेड़ खड़े हैं उन्हें जिला प्रशासन को हलफनामा लिखकर देना होगा कि वह इन पेड़ों की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेवार होंगे। जिलाधिकारी ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की है कि नगरीय क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में देवदार के पेड़ क्यों और किन परिस्थितियों में सूखते जा रहे हैं ? इसकी भी जांच करने के साथ पूरे नगर का भ्रमण कर यहां की परिस्थितियों का जायजा लेंगे देवदार बनी के अंतर्गत किसी भी प्रकार के भावनाओं की किसी को अनुमति नहीं दी जा सकती ।
●● विज्ञान केंद्र के परिधी में आने वाले पैडों की अनुमति को जिलाधिकारी ने किया रद्द ।
चंपावत। जिलाधिकारी ने नगर के समीप बन रहे विज्ञान भवन परिसर में कार्यदाई संस्था द्वारा दो देवदार के हरे वृक्षों के निस्तारण की अनुमति को तात्कालिक प्रभाव से रद्द कर दिया है। उनका कहना है कि किसी भी स्थान में बहुमूल्य प्रजाति के देवदार के पेड़ों के पातन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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